विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष।
उज्जैन (हरीश सिंह गुड़पलिया) आज के समय में लोगों की स्मरण शक्ति बहुत कमजोर हो गई है, उन्हें भूल जाना चाहिए कि भारत में अब कभी दूसरी कोई सरकार बनेगी?पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने दुनिया के सामने बोला था जिस दिन देश में एक बार भाजपा यानी संघ की बहुमत से सरकार बन जाएगी उसके बाद दूसरे दल की सरकार नहीं बनेगी।जब अटल जी ने यह बात कही थी तब बैलेट पेपर से यानी कागज की पर्ची से वोटिंग होती थी इसलिए अटल जी ने बोला था बैलेट पेपर से चुनी गई बहुमत की सरकार बुलेट से भी नहीं हटेगी।आदरणीय अटल जी का यह दावा आज सभी देशवासियों को नजर आ रहा है अतः निवेदन है कि जैसे जी रहे हो वैसे जियो।
अटल जी के दावे को केंद्रीय गृह मंत्री माननीय अमित शाह जी दोहरा चुके हैं याद करिए जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा हुआ था तो गृहमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर बोला था कि भाजपा की सरकार के लिए 2050 तक मैदान साफ है?
कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर लाख विरोध कर लोकितना भी सर पटक लोग अब जैसा चल रहा है वैसा ही चलेगा अब कोई हंसे या रोयै कितना भी चिल्लाए मगर 50 साल तो संघ की सरकार के रहमों करम पर ही रहना होगा। चार ईजीडीपी रसातल यानी पाताल लोक चली जाए,महंगाई सातवें आसमान पर बैठ जाएं मगर अब चलेगी उन्हीं की जो 70 सालों से सिर्फ एक बार केंद्र में बैठ जाए फिर वही होगा जो संघ चाहेगा। वही हो रहा है?अक्सर कई बुद्धिजीवी यह बोलकर संघ की सरकार का बचाव करते हैं कि यदि ईवीएम की गड़बड़ी से दिल्ली में संघ की सरकार बन रही है तो फिर राज्यों में दूसरे दलों की सरकार क्यों बन रही है?वह इसलिए क्योंकि पावर का सेंटर सिर्फ केंद्र सरकार के हाथ में होता है जिसके जरिए राज्य सरकार को गिराना अपनी सरकार बनाना बाएं हाथ का खेल होता है केंद्र के आगे सब मजबूर होते हैं।
सीबीआई ,ईडी विभाग ,चुनाव आयोग, रा, रिजर्व बैंक ,इनकम टैक्स, सुप्रीम कोर्ट , गृहमंत्रालय सहित मुक्ति विभाग केंद्र के हाथ में होते हैं। इसलिए राज्य में सरकार किसी की भी बनी केंद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए राज्य में कौन से दल की सरकार बनती है यह कोई टेंशन नहीं होता केंद्र सरकार को?
राज्य में विपक्ष की सरकार कोई अहमियत नहीं रखती इसलिए मोदी सरकार यानी संग वाले ईवीएम मशीन की पोल खोलने वाले की हंसी उड़ाते नजर आते हैं कहने का आशय यही है केंद्र में सरकार बनाने से आप सारे देश को विपक्ष को राज्य सरकारों को कठपुतली की तरह नचा सकते हैं।इसलिए अब कोई नहीं सुबह या नए बदलाव के बारे में अगले 50 सालों तक सोचना छोड़ दीजिए?