उज्जैन (हरीश सिंह गुड़पलिया) चारों तरफ अर्थव्यवस्था के कारण त्राहि माम, त्राहि माम मचा हुआ है विश्व के थरातल पट पर कोरोनावायरस संक्रमण याने कोविड-19 के प्रकोप से आज कोई भी व्यक्ति बच नहीं पा रहा है। भारत दूसरा देश है जहां कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं, हर दिन पचास हजार केस बढ़ रहे हैं। अब तक 1.54करोड लोगों का टेस्ट हो चुका है इसमें 8.02/ पाजेटिव निकले।
महाकाल की नगरी उज्जैन में विगत कुछ दिनों से इस बिमारी के कारण लोगों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। भोपाल, इंदौर, जैसे शहरों में जिला प्रशासन मुशदैदी के साथ कार्यवाही करते हुए लाक डाउन लगा रहे हैं, सूत्रों की मानें तो स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,कृषी मंत्री कमल पटेल, केबिनेट मंत्री मोहन यादव का परिवार, उज्जैन-इंदौर सांसद व महापौर का परिवार भी इस महामारी के चपेट में आया है तो आम व्यक्ति की तो औकात ही क्या?
उज्जैन शहर में लगातार हो रही वृद्धि के बाद भी जिला प्रशासन मास्क न पहनने पर कार्रवाई, सोशल डिस्टेंस पर जुर्माना, बिजली के बिल में लुट खसोट तथा जितना अधिक से अधिक यातायात विभाग या अन्य सुत्रो से राजस्व की वसूली करने पर जिला प्रशासन लगा हुआ है, उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जनता को राहत पहुंचाने में कोई जिज्ञासा नहीं है। भगवान महाकालेश्वर मंदिर हो या अन्य किसी प्रकार की पूजा सब में जनता एकत्रित हो कर कोरोनावायरस संक्रमण की चैन को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
जिला प्रशासन के उच्च पदों पर नियुक्त जवाबदेही प्रशासनिक अधिकारी घृतराष्ट बने सब देख रहें हैं, उन्हें तो बस अब अपना टारगेट पूरा करना है जबकि हाल ही में जिला पंचायत की महिला अधिकारी इस महामारी के प्रकोप से काल का ग्रास बन गई व आज भी कर्मचारियों को इन वीआईपी प्रशासनिक अधिकारियों ने दांव पर लगा रखा है।
जिले के प्रभारी मंत्री व मध्यप्रदेश शासन के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी को इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्रता से विचार कर अविलंब प्रशासनिक अधिकारियों की सर्जरी कर इस व्यवस्था को लेकर जनता के हित में कार्य करना चाहिए अन्यथा ये उच्च अधिकारी अपनी वाहवाही के कारण कई परिवारों को बर्बाद कर देंगे। इस ््व््व््व््व््व््व््व््््््व््व््व््व््व््व््व््व््व््व््््््व््व्